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Bihar Bhumi Chakbandi Yojana 2025: अब किसानों की जमीन होगी एक जगह, जानिए पूरी प्रक्रिया!

By Bihar Seva

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बिहार सरकार द्वारा भूमि सुधार के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाते हुए Bihar Bhumi Chakbandi Yojana की शुरुआत की जा रही है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की बिखरी हुई भूमि को व्यवस्थित करना और कृषि कार्य को सरल बनाना है। राज्य में लंबे समय से भूमि सर्वेक्षण का कार्य जारी था, जिसे अब लगभग पूरा कर लिया गया है। सर्वे के बाद अब चकबंदी की प्रक्रिया को दोबारा से लागू किया जाएगा, जिससे न सिर्फ कृषि कार्यों में आसानी होगी बल्कि भूमि विवादों में भी कमी आएगी।

चकबंदी योजना को लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने आधिकारिक नोटिस जारी किया है जिसमें बताया गया है कि विशेष सर्वेक्षण के बाद चकबंदी कार्य को पुनः प्रारंभ किया जाएगा। बिहार में चकबंदी अधिनियम वर्ष 1956 से लागू है, लेकिन कई वर्षों तक यह कार्य रुका रहा। अब एक बार फिर सरकार इस योजना को पूरे राज्य में लागू करने जा रही है ताकि किसानों को उनकी जमीन एक ही स्थान पर मिले और वे वैज्ञानिक तरीके से खेती कर सकें।


📊 Bihar Bhumi Chakbandi Yojana: Overview Table

विवरणजानकारी
योजना का नामबिहार भूमि चकबंदी योजना (Bihar Bhumi Chakbandi Yojana)
संबंधित विभागराजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार
लागू होने का तरीकाऑफलाइन प्रक्रिया
योजना की स्थितिविशेष सर्वेक्षण के बाद शुरू होगी
योजना का उद्देश्यबिखरे हुए भूखंडों को एकत्र कर कृषि कार्य को आसान बनाना
चकबंदी अधिनियम लागूवर्ष 1956
पहले पायलट प्रोजेक्टवर्ष 1957-58 में मुजफ्फरपुर, भागलपुर, नालंदा
पुनः शुरुआत2004 में 39 अंचलों के 5273 गाँव
वर्तमान अपडेटसर्वे के बाद सभी जिलों में चकबंदी का कार्य होगा
आधिकारिक वेबसाइटbiharbhumi.bihar.gov.in

🧾 चकबंदी क्या होती है?

Bihar Bhumi Chakbandi Yojana: चकबंदी एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत किसी गांव की सभी भूमि को पुनर्गठित किया जाता है। इसमें किसानों की बिखरी हुई ज़मीनों को एक जगह पर समाहित किया जाता है जिससे कृषि कार्य में सुविधा हो और उत्पादन में वृद्धि हो।

Bihar Bhumi Chakbandi Yojana

सरल भाषा में समझें तो:

चकबंदी के तहत एक किसान की जो जमीन टुकड़ों में बंटी होती है, उसे एक समेकित भूखंड में बदल दिया जाता है।


🔍 चकबंदी की आवश्यकता क्यों है?

Bihar Bhumi Chakbandi Yojana को लागू करने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

  1. कृषि में सुविधा:
    एक जगह पर भूमि होने से खेती करना आसान हो जाता है।
  2. वैज्ञानिक खेती को बढ़ावा:
    जब ज़मीन एक जगह हो तो मशीनों का उपयोग करना आसान होता है।
  3. भूमि विवादों में कमी:
    ज़मीन के रिकॉर्ड अपडेट हो जाते हैं, जिससे झगड़े कम होते हैं।
  4. सार्वजनिक हित का ध्यान:
    चकबंदी के दौरान स्कूल, अस्पताल, श्मशान, कब्रिस्तान आदि के लिए भूमि सुरक्षित की जाती है।
  5. समुचित भूमि प्रबंधन:
    किसानों को एक या दो चक में जमीन मिलने से वह बेहतर तरीके से भूमि का उपयोग कर सकते हैं।


📚 चकबंदी का इतिहास | Bihar Bhumi Chakbandi Yojana Timeline

  • वर्ष 1956: चकबंदी अधिनियम लागू हुआ।
  • 1957-58: मुजफ्फरपुर, भागलपुर और नालंदा के कुछ अंचलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरुआत हुई।
  • 1971-72: इसे 16 जिलों के 180 अंचलों में विस्तारित किया गया।
  • 1993: चकबंदी कार्य अस्थायी रूप से स्थगित किया गया।
  • 2004: पुनः 39 अंचलों के 5273 गांवों में चकबंदी प्रक्रिया शुरू की गई।
  • 2025: अब विशेष सर्वेक्षण के बाद फिर से योजना को लागू किया जा रहा है।

📋 नई प्रक्रिया में क्या बदलाव है?

नई चकबंदी प्रक्रिया को विशेष सर्वेक्षण कार्य के उपरांत लागू किया जाएगा। बिहार सरकार इस समय राज्य के सभी जिलों में भूमि सर्वे का कार्य कर रही है। जैसे ही सर्वे पूरा होता है, वैसे ही Bihar Bhumi Chakbandi Yojana को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जाएगा।

विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि चकबंदी कार्य ऑफलाइन मोड में होगा और इसकी विस्तृत जानकारी जल्द ही आधिकारिक रूप से जारी की जाएगी।


📣 Bihar Bhumi Chakbandi Yojana को लेकर नया नोटिस जारी

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा एक आधिकारिक नोटिस जारी किया गया है जिसमें यह जानकारी दी गई है कि विशेष सर्वेक्षण के पश्चात चकबंदी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

इसका उद्देश्य यह है कि हर गांव की भूमि का डिजिटल और वैज्ञानिक तरीके से प्रबंधन किया जाए ताकि भविष्य में किसी प्रकार के भूमि विवाद न हों और कृषि की उत्पादकता भी बढ़े।


🛠️ चकबंदी प्रक्रिया कैसे होगी?

Bihar Bhumi Chakbandi Yojana के तहत चकबंदी प्रक्रिया इस प्रकार की जाएगी:

  1. विशेष सर्वेक्षण: पहले गांव की सारी भूमि का वैज्ञानिक सर्वे किया जाएगा।
  2. डेटा एनालिसिस: सर्वे के बाद जमीन की स्थिति, किसके पास कितनी जमीन है इसकी जानकारी को रिकॉर्ड किया जाएगा।
  3. पुनर्गठन: किसानों की जमीन को एक या दो बड़े हिस्सों में पुनः व्यवस्थित किया जाएगा।
  4. डॉक्यूमेंटेशन: नई भूखंड की जानकारी रिकॉर्ड और मैप में अपडेट की जाएगी।
  5. अधिसूचना: किसानों को उनके नए भूखंड की जानकारी आधिकारिक नोटिस के माध्यम से दी जाएगी।

📌 Bihar Bhumi Chakbandi Yojana से किसानों को क्या लाभ मिलेगा?

लाभविवरण
✅ भूमि प्रबंधनएक जगह समेकित भूखंड मिलेगा
✅ कृषि में बढ़ोतरीमशीन और तकनीक से खेती आसान होगी
✅ सरकारी योजनाओं में लाभभूमि रिकॉर्ड अपडेट होने से योजनाओं का लाभ मिलेगा
✅ विवाद में कमीएकीकृत भूमि रिकॉर्ड से झगड़े नहीं होंगे
✅ सार्वजनिक हितशासकीय संस्थानों के लिए भूमि सुनिश्चित


📎 Bihar Bhumi Chakbandi Yojana से जुड़ी महत्वपूर्ण लिंक

लिंकविवरण
🔗 Official WebsiteClick Here
📜 नोटिस देखने के लिएविभाग की वेबसाइट पर जाएं
Bihar Bhumi Jan Shikayat Portal 2025Check Here

निष्कर्ष (Conclusion)

Bihar Bhumi Chakbandi Yojana राज्य के किसानों के लिए एक बेहद लाभकारी योजना है। यह न केवल जमीन के समुचित प्रबंधन में मदद करेगी, बल्कि विवादों को कम कर राज्य में कृषि के विकास को भी बढ़ावा देगी। अगर आप भी बिहार के निवासी हैं, तो यह जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। जैसे ही सर्वे का कार्य पूरा होता है, आपको संबंधित विभाग की वेबसाइट या अपने अंचल कार्यालय से जानकारी लेनी चाहिए।


👉 अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो इसे अपने गांव, पंचायत और मित्रों के साथ जरूर शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान इस योजना का लाभ उठा सकें।


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